Thursday, June 27, 2019

कैलाश विजयवर्गीय से कितने अलग हैं उनके बेटे आकाश

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश ने बुधवार को नगर निगम कर्मचारियों के साथ मारपीट की.
इसके बाद राजनीतिक विश्लेषक और आम लोग उनमें उनके पिता कैलाश विजयवर्गीय का अक़्स देख रहे हैं.
आकाश इंदौर से विधायक हैं. घटना के बाद आकाश को गिरफ्तार कर लिया गया था.
इसके बाद कोर्ट ने उन्हें ज़मानत देने से इनकार कर दिया था. आकाश को 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
उनकी राजनीति ऐसी रही है कि कई बार इंदौर शहर के स्थानीय अधिकारियों को उनके गुस्से का सामना करना पड़ा.
वहीं, उनके पुत्र आकाश गंभीर और सौम्य छवि वाले नेता माने जाते थे.
लेकिन बुधवार को हुई घटना ने काफी हद तक उनके बारे में दोबारा सोचने को मजबूर कर दिया है.
इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार अरविंद तिवारी कहते हैं, "मैं कैलाश विजयवर्गीय और आकाश विजयवर्गीय को अलग अलग तरह से देखता हूं. कैलाश विजयवर्गीय पहले छात्र राजनीति करते थे. फिर नगर निगम में पार्षद थे. हमेशा से उनकी राजनीति बहुत आक्रमक रही है. वह हमेशा ही राजनीति में तीखे तेवरों के लिये जाने जाते रहे हैं. अपने विरोधियों से निपटने का भी उनका अपना एक स्टाइल है."
वो बताते हैं, "आकाश विजयवर्गीय को अलग माना जाता रहा है. वह बहुत ही संजीदा किस्म के व्यक्ति रहे हैं और युवाओं में धार्मिकता लाने के लिये वह एक संगठन चलाते हैं. कुल मिलाकर पिता और पुत्र दोनों में अभी तक बहुत अंतर देखा जाता रहा है. लेकिन अब जो आकाश विजयवर्गीय ने किया उसकी कल्पना उनसे नही की जा सकती थी."
कैलाश विजयवर्गीय शुरुआत से ही अपने कारनामों के लिए प्रसिद्ध रहे हैं.
अपनी राजनीति की शुरुआत के दौरान इंदौर में एक क्षेत्र में पानी की समस्या के लिये प्रदर्शन करने पहुंचे विजयवर्गीय ने हाथों में जूता उठा लिया था.
उसके बाद भी कई ऐसे मौके आए जब उन्होंने अधिकारियों के साथ हाथापाई करने की कोशिश की.
इंदौर में एक फैशन शो के आयोजन को लेकर उनके और उस वक़्त के कलेक्टर के बीच भी काफी विवाद हुआ था.
उस वक़्त के कलेक्टर और आज प्रदेश के मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने शहर के कृष्णपुरा छतरी पर फैशन शो का आयोजन किया था. कैलाश विजयवर्गीय इसका विरोध कर रहे थे.
लेकिन जब प्रशासन नहीं माना तो विजयवर्गीय भेष बदलकर समारोह स्थल पर पहुंचे और हंगामा कर दिया.
बॉलीवुड अभि‍नेता शाहरुख ख़ान के असहनशीलता वाले बयान पर कैलाश विजयवर्गीय ने पहले उन्हें 'देशद्रोही' बता दिया था, लेकिन जब विवाद बढ़ा तो उन्होंने माफी मांगते हुए अपना बयान वापस ले लिया था.
उन्होंने कहा था कि अगर भारत में असहिष्णुता होती तो अमिताभ के बाद शाहरुख सबसे अधि‍क लोकप्रिय नहीं होते.
बाद में उन्होंने लिख दिया कि उनका उद्देश्य किसी को भी ठेस पहुंचाना नहीं है.
इंदौर की राजनीति को करीब से देखने वाले कांग्रेस नेता केके मिश्रा से जब बाप-बेटे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "जहां तक आकाश का प्रश्न है वह मेरे पुत्र के समान है विधानसभा चुनाव जीतने के बाद एक अच्छे लड़के ने अपना राजनैतिक हथियार हिंसा के तौर पर अख्तियार किया तो उसके राजनैतिक जीवन के हिसाब से ऐसी घटना उसे पनपने नही देंगी."
कैलाश विजयवर्गीय ने आमिर ख़ान का भी विरोध किया था. इंदौर में फिल्म 'दंगल' जब रिलीज़ होने वाली थी तब उन्होंने अपने समर्थकों से कहा था कि 'दंगल' में मंगल करें.
कैलाश के इस बयान को आमिर ख़ान की आने वाली फिल्म 'दंगल' से जोड़ कर देखा गया था.
ट्वीट के ज़रिए कैलाश विजयवर्गीय आमिर ख़ान, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और राहुल गांधी को भी निशाने पर ले चुके हैं.
वैसे उन्हें इंदौर में पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन का विरोधी माना जाता रहा है.
कैलाश विजयवर्गीय नगर निगम पार्षद से लेकर इंदौर के महापौर और फिर प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे हैं.
उन्हें शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री काल में उनका प्रतिद्वंदी माना जाता रहा है.
उस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के लिए कई बार ज़ोर अज़माइश की लेकिन उसके बाद उन्हें पश्चिम बंगाल का प्रभारी बना दिया गया और फिर वह प्रदेश की राजनीति से दूर चले गए.
वहीं, उनके पुत्र आकाश विजयवर्गीय की हरकत को कुछ लोग आगामी स्थानीय निकाय चुनाव से भी जोड़ कर देख रहे हैं.
इस साल नगर निगम के चुनाव हैं और एक तरह से महापौर पद के लिए उन्होंने अपनी दावेदारी पेश कर दी है.
वरिष्ठ पत्रकार जयश्री पिंगले कहती हैं, "उनकी छवि शांत और सौम्य वाली रही है. उन्होंने एक किताब भी लिखी है देव से महादेव. तो ऐसा महसूस होता है कि वह अपनी छवि को तोड़ना चाहते हैं और कैलाश विजयवर्गीय की जो छाया है, उससे बाहर निकल कर अपने लिए जगह बनाना चाहते हैं."

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