Wednesday, September 12, 2018

फिर किताब लिखूंगा और इस बार सब झूठ लिखूंगा: नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी

अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने पिछले साल अपनी बायोग्राफ़ी 'एन ऑर्डिनरी लाइफ़' पेश की थी लेकिन कई विवादों के बाद उन्हें अपनी ये किताब वापस लेनी पड़ी.
अपनी आत्मकथा वापस लेने पर अफ़सोस जाहिर करते हुए नवाज़ ने कहा, "मैं फिर से किताब लिखूंगा और इस बार सब झूठ लिखूंगा, सब लोग खूब पढ़ेंगे क्योंकि मैं 'फ़ेमस' हूँ, तो लोग पढ़ेंगे और वाह-वाह करेंगे क्योंकि फ़ेमस लोगों की किताब सब पढ़ते हैं."
नवाज़ुद्दीन अपनी आने वाली फ़िल्म मंटो को लेकर चर्चा में हैं.
बीबीसी से खास बातचीत में नवाज़ुद्दीन ने कहा कि अपनी किताब वापस लेने के फ़ैसले से वो काफ़ी दुख़ी और फ़िक्र में थे.नवाज़ुद्दीन ने कहा, "मेरी ये क़िताब 209 पन्नों की थी और सिर्फ 4-5 पन्ने ही मेरे रिलेशनशिप के बारे में हैं. मैंने अपनी किताब में नाम लिया हैं और ये मैंने गलती की, मुझे नहीं लेना चाहिए था. मैंने इस बात को स्वीकार किया और नाम वापस ले लिया. इसके अलावा 204 पन्ने बचते हैं जिसमें मैंने बताया कि कैसे मैं छोटे गांव से आया, कैसे मैंने ट्रेनिंग ली, कैसे मेरे सोचने का नज़रिया बदला. मैं जिस तरह का भी एक्टर हूँ अच्छा या बुरा वो सब लिखा था उसमें. मैंने उसमें अपनी कोई महिमा नहीं लिखी थी."
नवाज़ कहते हैं, "गंदे लफ्ज़ों में मैंने अपने बारे में बताया था. ये किताब अंग्रेज़ी में ज़रूर थी लेकिन उसमें लिखी हुई बातें बहुत साफ़ और सच लिखी थीं कि देखो किस तरह का इंसान था मैं. मेरे अंदर कितने ग़लत विचार थे क्योंकि मैं एक ऐसी जगह से आया हूँ जहां यही सोच थी. मेरी इन सब बातों पर ध्यान न देकर सिर्फ उन चार-पांच पन्नों को देख कर सनसनी बना दिया गया. ऐसे में मेरे दिमाग में तो यही आएगा ना कि ठीक है,मैं अपनी किताब वापस ले लेता हूं क्योंकि मैं 'फ़ेमस' और लोकप्रिय हो गया हूँ."
फ़िल्म मंटो और ठाकरे के अलावा नवाज़ इन दिनों अपनी फ़िल्म 'न्यू लव इन रोम' और सुपरस्टार रजनीकांत के साथ एक अन्य फ़िल्म में व्यस्त हैं.
रजनीकांत के लिए उनके प्रशंसकों का प्यार देखते हुए नवाज़ कहते हैं, "रजनी सर दुनिया के सबसे बड़े सुपरस्टार हैं. इस बात में कोई शक़ नहीं कि उनके फैंस में उनके लिए जो जज़्बा है वो किसी और के लिए नहीं मिलेगा. जब आप उनसे मिलते हैं तो वो आपको एहसास नहीं होने देंगे कि वो इतने बड़े स्टार हैं बल्कि वो ऐसा दिखाएंगे जैसे कि वो भी आपकी तरह सिर्फ़ एक एक्टर हैं."
"लेकिन मैंने ऐसे लोगों को भी देखा है जो आप पर थोप-थोप कर ये बताने की कोशिश करते हैं कि देख मैं सुपरस्टार हूँ. रजनी सर और बाकी स्टार में ये बहुत बड़ा फर्क है. उत्तर प्रदेश के किसी भी गांव में चले जाओ, सबको पता है कि रजनीकांत कौन है लेकिन अगर आप साउथ के किसी गांव में जाओ तो पता चलेगा कि वो हमारे सुपरस्टार को लोग नहीं जानते."
अपने दमदार अभिनय से पहचान बना चुके नवाज़ को नेशनल अवार्ड की कोई चाहत नहीं है.
नवाज़ कहते हैं, 'मैं नेशनल अवार्ड की वजह से फ़िल्म नहीं करता हूँ और मुझे मालूम है कि मुझे नेशनल अवार्ड नहीं मिलेगा. ये मैं अच्छी तरह से जानता हूँ और इसलिए मुझे अवार्ड की कोई उम्मीद नहीं है.'
अभिनेत्री-फिल्मकार नंदिता दास के निर्देशन में बनी 'मंटो' 21 सितंबर को रिलीज़ हो रही है. इस फिल्म में नवाज़ुद्दीन सिद्दकी के साथ ऋष‍ि कपूर, जावेद अख्‍़तर, रसिका दुग्गल, ताहिर राज भसीन और दिव्या दत्ता मुख्य भूमिकाओं में नज़र आएंगे.
मौसम विज्ञानियों ने चेतावनी दी है कि अमरीका के पूर्वी तट पर स्थित इलाक़ों में जिस फ़्लोरेंस चक्रवात के टकराने का डर बना हुआ है, वो बीते तीन दशक का सबसे बड़ा चक्रवात साबित हो सकता है.
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, अटलांटिक के गर्म जल से इस चक्रवात को ताक़त मिल रही है और आने वाले समय में इसके और भी अधिक शक्तिशाली होने की उम्मीद है.
मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि अगले 48 घंटे में चक्रवात के साथ बढ़ते पानी से तटीय इलाक़ों में जान और माल पर ख़तरा बढ़ सकता है.
अधिकारियों का कहना है कि फ़्लोरेंस अब चौथी श्रेणी का तूफ़ान बन चुका है और इसके अंदर क़रीब 225 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चल रही हैं.
इस चक्रवात को देखते हुए वर्जीनिया, मेरीलैंड, वॉशिंगटन, उत्तर और दक्षिणी कैरोलाइना में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है.
उत्तरी कैरोलाइना के गवर्नर रॉय कूपर ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि ये तूफ़ान एक विशाल शातिर दैत्य जैसा है. ये बेहद ख़तरनाक है और ये एक ऐतिहासिक चक्रवात है.
अमरीकी मौसम विभाग के ताज़ा अपडेट के अनुसार, ये चक्रवात मंगलवार शाम को उत्तरी कैरोलाइना से क़रीब 1,000 किलोमीटर दूर था.
इस अपडेट में कहा गया है कि फ़्लोरेंस चक्रवात क़रीब 28 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और बुधवार को इसके और मज़बूत होने की उम्मीद है.
हालांकि मौसम विभाग के अधिकारियों का ये भी अनुमान है कि फ़्लोरेंस चक्रवात गुरुवार को कुछ कमज़ोर पड़ सकता है. लेकिन ज़मीन से टकराने के बाद ये एक बेहद ख़तरनाक तूफ़ान होगा.
नेशनल हरिकेन सेंटर (एनएचसी) ने फ्लोरेंस को 'बेहद ख़तरनाक' मौसमी घटना बताया है. ये तटीय और अंदरूनी इलाक़ों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण तबाही मचा सकता है.
एनएचसी ने कहा है, "फ्लोरेंस के कारण जानलेवा प्रभाव पैदा हो सकते हैं. तटों पर 13 फ़ुट ऊंची लहरें उठ सकती हैं और क़रीब 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने वाली चक्रवात की ताक़तवर हवाएं भारी तबाही मचा सकती हैं."
फ़्लोरेंस चक्रवात के कारण कुछ इलाक़ों में 64 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है और भारी-बारिश के कारण अंदरूनी इलाक़ों में पानी भरने से बाढ़ आ सकती है.
अमरीका के कुछ नामी मौसम विज्ञानियों के अनुसार, फ़्लोरेंस चक्रवात साल 1989 में आये ह्यूगो नाम के उस बड़े तूफ़ान से भी ज़्यादा भयानक साबित हो सकता है, जिसकी वजह से 49 लोगों की मौत हो गई थी और अमरीका को क़रीब 700 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ था.
इस चक्रवात से अमरीका के ब्रुंसविक परमाणु संयंत्र पर भी ख़तरा है क्योंकि उत्तरी कैरोलाइना में जिस जगह इस चक्रवात के ज़मीन से टकराने की संभावना है, ये संयंत्र वहाँ से कुछ ही मील की दूरी पर स्थित साउथपोर्ट में है.
इस चक्रवात के कारण अमरीका के पूर्वी तट के इलाक़ों में रहने वाले क़रीब दस लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
दक्षिणी कैरोलाइना, उत्तरी कैरोलाइना और वर्जीनिया के कुछ हिस्सों में लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर चले जाने के आदेश दिये गए हैं.
अन्य प्रभावित क्षेत्रों के निवासी आवश्यक वस्तुओं को जमा करने के लिए दुकानों में आ रहे हैं. दक्षिणी कैरोलाइना में एक हार्डवेयर स्टोर चलाने वाले जॉन जॉनसन ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया कि दुकानों पर बैट्री, फ़्लैशलाइट्स और प्लास्टिक के तिरपाल खरीदने वाले लोगों की भीड़ जमा है. कुछ पेट्रोल पंप खाली हो गये हैं.
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने इस चक्रवात के कारण शुक्रवार को मिसीसिपी में होने वाली रैली रद्द कर दी है.
राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने उत्तर और दक्षिण कैरोलाइना के लिए 'आपातकाल की घोषणा' पर हस्ताक्षर किए हैं. साथ ही चक्रवात का सामना करने के लिए संघीय कोष से मदद मुहैया कराई है.
मंगलवार शाम को डोनल्ड ट्रंप ने कहा, "सरकार फ़्लोरेंस चक्रवात से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी."

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